भर्ती के नाम पर पैसे लेने की शिकायत का मामला:सीएमएचओ; सहकारिता मंत्री के 18 लोगों को नहीं लिया, इसलिए एपीओ किया
जिले में कोरोना काल में 33 पैरा मेडिकल स्टाफ तथा 7 लैब टैक्नीशियन की आवश्यक अस्थायी आधार पर भर्ती के निरस्त करने और तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. विष्णुदयाल मीणा को एपीओ करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. विष्णुदयाल मीणा ने आरोप लगाया है कि 29 अक्टूबर 2020 को अभ्यर्थियों की सूची जारी होने के बाद 30 अक्टूबर को इंदिरा गांधी नहर एवं सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने उन्हें कॉल किया और कहा कि भर्ती में मेरे 18 लोगों को जगह क्यों नहीं दी।
जब मीणा ने योग्य उम्मीदवारों के चयन की बात कही तो मंत्री नाराज हुए और मीणा को कहा कि अब तुम्हें नौकरी करना मैं सिखाउंगा। इसके अगले दिन 31 अक्टूबर को भर्ती निरस्त करने के आदेश आ गए। इसके ठीक 119 दिन बाद सीएमएचओ डॉ. वीडी मीणा को इसी भर्ती में वित्तीय अनियमितता के आरोप में 26 फरवरी को एपीओ कर दिया गया। इस कॉल रिकॉर्डिंग का ऑडियो भी पूर्व सीएमएचओ डॉ. वीडी मीणा ने अपने पास होने का दावा किया है। अब डॉ. मीणा मामले को लेकर कोर्ट में भी जाएंगे। पैरा मेडिकल स्टाफ के 33 और 7 लैब टैक्निशन की अस्थाई भर्ती के लिए 12 अक्टूबर 2020 में योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। बड़ी संख्या में आवेदन आए। भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कलेक्टर अनुपमा जोरवाल की अध्यक्षता में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. विष्णुदयाल मीना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओपी दायमा, जिला परिषद के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगदीश प्रसाद गौड़ और जिला कोषाधिकारी जितेंद्र मीना की कमेटी गठित की गई।
कमेटी ने दस्तावेजों के अतिरिक्त 20 नंबर साक्षात्कार के लिए रखे ताकि मेरिट बनाई जा सके। कमेटी ने साक्षात्कार लेने के बाद सभी के हस्ताक्षरित 40 सफल अभ्यर्थियों की सूची 29 अक्टूबर को जारी कर दी और इन अभ्यर्थियों को कॉल कर बुलाने की प्रक्रिया चल रही थी।
इसके बाद 31 अक्टूबर को सरकार ने एक आदेश जारी कर पूरी भर्ती ही निरस्त कर दी। मामले को लेकर 26 फरवरी को तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. विष्णुदयाल मीना को एपीओ कर दिया गया। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
पहले भर्ती निरस्त करवाई, फिर सीएमएचओ को एपीओ करवाया
डॉ. विष्णु दयाल मीणा ने भास्कर को बताया कि भर्ती लिस्ट जारी होने के बाद सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने उनको फोन कर कहा कि मैंने 18 अभ्यर्थियों की सूची दी थी, उनके नाम क्यों नही आए। तुमने और विधायक रामलाल मीना ने गुंडागर्दी करते हुए 50-50 हजार रुपए लेकर भर्ती की है जोकि गलत है।
सीएमएचओ डॉ. विष्णुदयाल ने कहा कि जब इस बात का विरोध किया तो मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि मैं तुम्हे नौकरी करना सिखा दूंगा। इसके बाद मंत्री आंजना ने शिक्षा मंत्री रघु शर्मा से चर्चा कर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करवा दिया। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया निरस्त कराने के संबंध में 31 अक्टूबर को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक केके शर्मा ने आदेश जारी किए।
सीएमएचओ को एपीओ करना एक रूटीन प्रक्रिया थी। उनकी ओर से मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। क्या सीएमएचओ ने ऑडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई है कि मेरे बारे में मंत्री ने यह बोला, अगर नहीं तो फिर सारे आरोप बेबुनियाद है। उनको यहां से हटा दिया है तो वे अब कुछ भी कह सकते हैं। -रामलाल मीणा, विधायक, प्रतापगढ़।
^मैंने विधायक को गुंडा या फिर कोई बात उनके बारे में नहीं कहीं। सीएमएचओ के आरोप झूठे हैं। मेरे पास तो लोग शिकायत लेकर आए थे कि उनको भर्ती के नाम पर सीएमएचओ रुपए ले रहे हैं, रुपए नहीं देने पर हमारा नाम काट रहे हैं। इसलिए मैंने कॉल किया था। डॉ मीणा को राजनीति में रूचि है तो विधायक रामलाल मीणा से बात करके प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ लें। जब पद चला जाता है तो इस तरह की बातें करते हैं।
उदयलाल आंजना, इंदिरा गांधी नहर एवं सहकारिता मंत्री।
मुझे मंत्री उदयलाल आंजना ने कॉल किया और बोला मेरे 18 लोगों के नाम लिस्ट में क्यों नहीं है। तुझे नौकरी करना मैं सिखाउंगा। विधायक और तुम मिलकर गुंडागर्दी कर रहे हो और 50-50 हजार रुपए लेकर नौकरी दे रहे हो। अगले दिन भर्ती निरस्त की और अब मुझे एपीओ किया। कमेटी में बाकी लोगों पर गाज क्यों नहीं गिरी। सहकारिता मंत्री ने चिकित्सा मंत्री को दबाव में लेकर यह आदेश जारी करवाए। चिकित्सा मंत्री काे कहा कि ऐसा नहीं किया तो विधानसभा में सुसाइड करने की धमकी दी थी।
-डॉ. वीडी मीणा, तत्कालीन सीएमएचओ प्रतापगढ़।