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ऐराव नदी में बहे दो युवकों में से एक युवक का शव 15 किलोमीटर दूर माही बैक वाटर में मिला, एक युवक की तलाश में अभी भी जुटी रेस्क्यू टीम

Pratapgarh
ऐराव नदी में बहे दो युवकों में से एक युवक का शव 15 किलोमीटर दूर माही बैक वाटर में मिला, एक युवक की तलाश में अभी भी जुटी रेस्क्यू टीम
@HelloPratapgarh - Pratapgarh -

जिले के घंटाली थाना इलाके के एराव नदी में 18 जुलाई रात को बहे दो भाइयों में से एक का शव तीसरे दिन शाम को मिला. जबकि उसके भाई का देर शाम तक कोई सुराग नहीं लग पाया. ऐसे में तलाशी अभियान अब आज सुबह से फिर से शुरू कर दिया गया है. घंटाली थाना प्रभारी सोहनलाल ने बताया कि बावड़ी गांव निवासी चार भाई जेतिया (23) पुत्र डेलिया मईड़ा, राजेंद्र (22) पुत्र मानङ्क्षसह, विजय(25) पुत्र मानङ्क्षसह और सुखलाल (21) पुत्र थावरा मईड़ा 18 जुलाई को एराव नदी के पार बख्तोड़ गांव में अपनी बुवा के यहां गए थे. रात करीब 11 बजे ऐराव नदी में होकर पैदल ही अपने गांव आ रहे थे. यहां बारिश अधिक होने से पानी का बहाव तेज हो गया था. ऐसे में नदी में चारों भाई बह गए. इनमें से विजय और सुखलाल तैरकर किनारे पर आए गए. जबकि जेतिया व राजेंद्र पानी के तेज बहाव में बह गए. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. जबकि मंगलवार सुबह पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंची. जहां दिनभर करीब ढाई किलोमीटर एराव नदी में अभियान चलाकर तलाशी ली गई. लेकिन कहीं भी दोनों भाइयों का सुराग नहीं मिला. ऐसे में तीसरे दिन बुधवार सुबह से फिर अभियान चलाया गया. इस दौरान घटना स्थल से रेस्क्यू शुरू किया गया जो करीब 15 किलोमीटर दूर माही बांध के बैक वाटर तक जारी रहा. इस दौरान देर शाम जेतिया का शव को रेस्क्यू किया गया. जो घंटाली थाना इलाके के नायन पंचायत के सालिया गांव के पास माही बैक वाटर में मिला. आपदा प्रबंधन नागरिक सुरक्षा व एसडीआरएफ टीम ने शव को रेस्क्यू किया. इसे पानी से बाहर लाया और प्रशासन को सुपुर्द किया. शव को पीपलखूंट चिकित्सालय लाया गया. इसके बाद देर शाम तक रेस्क्यू जारी रहा. लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. आपदा प्रबंध टीम इंचार्ज उमेश कुमार रैदास एसडीआरएफ टीम इंचार्ज भगवानसिंह ने बताया कि ऐसे में रेस्क्यू अब आज सुबह से फिर से शुरू किया गया है. यहां दिनभर तलाशी अभियान चलाया गया. थाना प्रभारी सोहनलाल ने बताया कि एराव नदी में करीब 12 किलोमीटर तक हर तरह से तलाशी ली गई. जिसमें स्थानीय ग्रामीणों की भी मदद ली गई. यहां नावों से भी पानी में गहनता से तलाशी ली गई. जिसमें नावों से रस्सियों को बांधकर गहराई तक तलाशी ली गई.

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