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आरोपी ने थाने में की थी खुदकुशी की कोशिश, 12 दिन बाद भी खुलासा नहीं, 3 पुलिस कर्मी सस्पेंड

Banswara
आरोपी ने थाने में की थी खुदकुशी की कोशिश, 12 दिन बाद भी खुलासा नहीं, 3 पुलिस कर्मी सस्पेंड
@HelloPratapgarh - Banswara -

बांसवाड़ा राजतालाब थाने में पुलिस हिरासत में नाबालिग से ज्यादती के एक आरोपी के खुद का गला काट कर खुदकुशी की कोशिश करने के मामले में 12 दिन बाद 3 पुलिस कर्मियों को निलबित किया गया है। इनमें हेड कांस्टेबल चागजी, कांस्टेबल अशोक और फहरा दे रही महिला कांस्टेबल शीला शामिल है। हालांकि तीनों के खिलाफ किस वजह से यह कार्रवाई की गई है, यह पुलिस नहीं बता रही है। ऐसे में सवाल उठ रहे है की घटना के दिन तीनों पुलिस कर्मियों की ड्यूटी क्‍या थी? घटना लिए महज ये तीन पुलिस कर्मी ही दोषी है ? पूरे मामले में पुलिस शुर से हो सवालों के घेरे में है। क्योंकि, घटना के 12 दिन बाद भी पुलिस अब तक ये बताने में नाकाम रहीं है कि थाना परिसर में आरोपी ने खुद की जान लेने की कोशिश क्यूं की? आरोपी विमल के पास ब्लेड कहां से आई? और पुलिस सुरक्षा में चूक कैसे हुई ? शुरुआत में पुलिस आरोपी के किसी धारदार से खुद पर हमला करने की बात करती रही। जबकि विमल ने ब्लेड से गर्दन काटने की बाद टॉयलेट सीट में फेंक देने की बात कही थी। जिसके बाद पुलिस ने ये स्वीकार किया की  विमल ने ब्लेड इस्तेमाल की थी लेकिन अब तक ब्लेड बरामद नहीं कर सकी है।

निचले स्तर के कार्मिकों पर कार्रवाई, बड़े अब भी जांच के नाम पर बच रहे
इस कार्रवाई के बाद चर्चा है कि मामले में सिर्फ निचले स्तर पर ही कार्रवाई की गई है। जबकि बड़े स्तर के अधिकारियों को अभी तक जांच के नाम पर बचाया जा रहा है। गौरतलब है कि 2 फरवरी को राजतालाब थाने में पुलिस रिमांड में बंद नई बस्ती निवासी 25 वर्षीय बिमल अमलियार ने शौच के बहाने थाने के टॉयलेट में जाकर किसी नुकीली चीज से गला काट दिया था। पुलिस थाने में यह घटना वहां के प्रभारी की लापरवाही भी दर्शाती है। इन घटना की जांच डीएसपी सूर्यबरीरसिंह कर रहे हैं।

हेड कांस्टेबल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर रहे थे, शीला पहरा दे रही थी
घटना के वक्‍त महिला कांस्टेबल शीला थाने में पहरा दे रही थी। हेड कांस्टेबल वागजी चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा रहे थे, जबकि कांस्टेबल अशोक को आरोपी क्मिल को लेकर घटना स्थल गुजरात ले जाने की तैयारी में था। इसी दौरान विमल ने टॉयलेट जाकर खुदकुशी की कोशिश की। ऐसे में एसपी की इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे है कि विमल इस हरकत के पीछे आखिर ये तीन पुलिस कर्मी ही कैसे जिम्मेदार हो सकते है। नियम के मुताबिक थाना परिसर में किसी भी घटना के लिए सीधे तौर पर थाना प्रभारी जिम्मेदार होते है। इस केस में खुद सीआई रामरूप थानाधिकारी के साथ ही विमल के केस के जांच अधिकारी भी है। थाना परिसर में सुरक्षा में चूक की जांच डिप्टी सूर्यजीरसिंह कर रहे है। ऐसे में सीआई रामरूप पर भी इसकी गाज गिर सकती है।

आरोपी को बता दिया था, उसे जेल होने वाली है

खुदकुशी की कोशिश के पीछे बिमल के तनाब में होने की चर्चा रही है। बताया जा रहा है कि विमल के सामने एक पुलिस कर्मी ने कोर्ट में हुए 164 के बयानों का जिक्र कर कहा था कि पीड़िता ने उसके खिलाफ बयान दिए है। अब कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया जाएगा। हालाकि हम इसकी पुष्टि नहीं करते है। नियमावली के मुताबिक थाने या जेल में मंद किसी भी आरोपी को इस तरह की जानकारी नहीं दी जा सकती। आरोपी से जुड़ी सूचना पुलिस वालों के माध्यम से सिर्फ परिवार वालों को ही दी जा सकती है। मुल्जिम को इन सूचनाओं से दूर रखा जाता है, जिससे भी तरह से तनाव में न आए।

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