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खानापूर्ति बना प्रशासन शहरों के संग अभियान : 12 बजे तक कई विभागों के अधिकारी-कर्मचारी नदारद

Pratapgarh
खानापूर्ति बना प्रशासन शहरों के संग अभियान : 12 बजे तक कई विभागों के अधिकारी-कर्मचारी नदारद
@HelloPratapgarh - Pratapgarh -

प्रशासन शहरों के संग अभियान से सरकार की मंशा है कि जिन लोगों के काम वर्षों से अटके हुए हैं, उन्हें पूरा कर लोगों को राहत दी जा सके। जिला मुख्यालय पर अभियान 9 नवंबर से शुरू हुआ। 9 से 11 नवंबर तक वार्ड एक से तीन तक के लोगों के लिए शिविर सामुदायिक भवन बगवास में लगाया है। अभियान के दूसरे दिन भास्कर ने शिविर की व्यवस्थाओं को जांचा तो हकीकत सरकार की मंशा के विपरीत मिली।

फरियादी शिविर में अधिकारियों को खोजते रहे, लेकिन अधिकारी नहीं मिले। ऐसे में उन्हें निराश लौटना पड़ा। शिविर में आगंतुकों के लिए पेयजल की व्यवस्था तक नहीं थी। ऐसे में शिविर औपचारिक और मात्र खानापूर्ति ही साबित रहा। सामुदायिक भवन बगवास में दोपहर 12 बजे तक कई विभागों के अधिकारी मौजूद नहीं थे।

सार्वजनिक निर्माण विभाग, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य कई विभागों के अधिकारी नहीं होने के चलते लोगों को निराश लाैटना पड़ा। लोगों ने बताया कि अधिकारी और कर्मचारी ही नहीं हैं तो समस्या का समाधान कैसे होगा। शिविर के दौरान मात्र नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी ही सक्रिय रूप में मौजूद रहे।

इसके अलावा समाज कल्याण अधिकारी विभाग सहित एक दो अन्य विभागों के अधिकारी ही शिविर में मौजूद रहे। अधिकारी और कर्मचारी शिविर को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। शिविर में किस विभाग का अधिकारी या कर्मचारी आ रहा है इसकी मॉनिटरिंग की भी कोई व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा अब तक नहीं की गई है। दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से प्रशासन शहरों के संग अभियान के संबंध में अपेक्षित प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया। ऐसे में लोगों को यह तक नहीं पता कि उनके वार्ड का अभियान कहां और कब है।

रिजेक्ट फाइलों की खानापूर्ति करवानी थी, एक भी फाइल नहीं करवाई तैयार

स्टेट ग्रांट एक्ट के पट्टों में रिजेक्ट फाइलों में जो कमियां थीं, उनको दूर करवाने का काम नगरीय निकाय को करना था, लेकिन एक भी फाइल तैयार नहीं करवाई गई। इसी का नतीजा है कि स्टेट ग्रांट एक्ट में पट्टे नहीं बन पा रहे हैं।

फसल कटाई का भी रहा कारण

दरअसल इन दिनों सोयाबीन की फसल कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में अधिकांश लोग फसल कटाई की मजदूरी में लगे हुए हैं। दूसरी ओर अधिकांश लोगों के काम पहले से पूरे हो चुके हैं। कुछ ही लोगों के काम बकाया चल रहे हैं। ऐसे में खेती के काम से निपटने के बाद ही लोग अभियान में अपने काम करा सकेंगे।

अभी तक वार्डों तक अभियान नहीं पहुंचा

शहरी आजीविका मिशन में गरीब परिवारों के कच्चे मकानों के पुनर्निर्माण के लिए अनुदान देना था, लेकिन ऐसा अनुदान एक भी स्वीकृत नहीं किया। वार्डों में इंदिरा क्रेडिट शिविर लगाने थे, लेकिन वार्डों तक यह अभियान नहीं पहुंचा।

नगर परिषद की सूचना पर आगे कार्रवाई करेंगे

अगर अधिकारियों के नहीं आने की समस्या थी तो नगर परिषद की तरफ से तत्काल सूचना देनी चाहिए थी। प्रशासन के स्तर पर तुरंत एक्शन होता। यह कोई बड़ी समस्या नहीं थी। अब नगर परिषद की ओर से लिखित में जो सूचना मिलेगी, उसके आधार पर जिम्मेदारों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - प्रकाश चंद्र शर्मा, कलेक्टर, प्रतापगढ़

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