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सात साल बाद बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास, तीन अलग-अलग धाराओं पर लगाया 25-25 हजार रुपये का जुर्माना

Pratapgarh
सात साल बाद बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास, तीन अलग-अलग धाराओं पर लगाया 25-25 हजार रुपये का जुर्माना
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 प्रतापगढ़ जिले के अरनोद थाना क्षेत्र में 26 दिसंबर 2015 की रात को थाना क्षेत्र की ही लालगढ़ की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला भूलकी बाई कि बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गई थी। पिछले 7 सालों से न्यायालय में चल रहे इस मामले में आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन अलग-अलग धाराओं में महिला की हत्या करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा और तीनों धाराओं के आधार पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले की जानकारी देते हुए एडवोकेट मनीष नागर और लोक अभियोजक ललित भावसार ने बताया कि 26 दिसंबर 2015 की रात को हरनौत थाना क्षेत्र में अपने बेटे से अलग रह रही भुलकी बाई पत्नी रामाजी मीणा उम्र 60 साल निवासी लालगढ़ कि अज्ञात बदमाशों द्वारा जेवरात लूट महिला की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी गई थी। वकील मनीष नागर ने बताया कि महिला के पैरों में चांदी के कड़े निकालने के लिए बदमाशों द्वारा महिला के दोनों पंजे काट दिए गए। साथ ही गला काटकर चांदी की कड़ियां और चांदी के गले का हार, चांदी के झुमके और चांदी की चेन सहित करीब डेढ़ किलो चांदी के जेवर बदमाशों द्वारा लूट लिए गए थे और महिला की हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद अरनोद थाना पुलिस ने मृतका के बेटे लक्ष्मण मीणा की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी उक्त मामले में एसएसएल टीम और डॉग स्कॉट द्वारा भी जांच की गई थी। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अरनोद थाना पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। कारुलाल पुत्र रामाजी मीणा, अरनोद,  श्यामलाल पुत्र हउजी मीणा और एक बाल अपचारी को डिटेन किया था। तभी से दो आरोपी कारूलाल और श्यामलाल न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हथियार और ज्वेलरी भी बरामद कर ली थी। एसएस रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियार पर महिला के खून की भी पुष्टि हुई थी। उक्त मामले में आज 7 साल बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश में 19 गवाह और 44 दस्तावेज के आधार पर दोनों ही आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिला जज महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि ऐसे जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को आजाद रहने का कोई हक नहीं इसके साथ ही दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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