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राजस्थान में पहली बार चुनाव में भाजपा-कांग्रेस साथ: कांग्रेस को सियासी संकट से बचाने वाली बीटीपी को डूंगरपुर में भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर हराया

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राजस्थान में पहली बार चुनाव में  भाजपा-कांग्रेस साथ: कांग्रेस को सियासी संकट से बचाने वाली बीटीपी को डूंगरपुर में  भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर हराया
@HelloPratapgarh - राजस्थान -

प्रदेश की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी चुनाव में भाजपा-कांग्रेस ने मिलकर किसी को हराया हो। यह चौंकाने वाला वाकया प्रदेश के 21 जिलों में जिला प्रमुख के चुनाव के दौरान हुआ, जब डूंगरपुर में पहले नंबर की पार्टी बनी बीटीपी को हराने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने बीटीपी को तोड़कर निर्दलीय के रूप में जिला प्रमुख बनवा दिया।

गुरुवार को कुल 21 में से 20 जिलों में जिला प्रमुख चुने गए। इनमें भाजपा के 12, कांग्रेस के 5 व 3 निर्दलीय हैं। वहीं, नागौर में नौ सीटें जीतने वाली हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को चकमा देते हुए भाजपा-कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी उतार दिए। वोटिंग हुई तो बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी को बराबर के वोट मिले और मामला टाई हो गया। फिर पर्ची से बीजेपी का जिला प्रमुख चुना गया। झालावाड़ में एक बूथ पर पुनर्मतदान होना है। इसलिए नतीजा अभी नहीं आया। 21 जिलों में उप जिला प्रमुख व उप प्रधान के चुनाव शुक्रवार को होंगे।

जयपुर सहित 11 जिलों के 50 निकायों में चुनाव आज : पंचायतीराज चुनाव के बाद अब शुक्रवार को शहरी सरकार के चुनाव का तीसरा चरण शुरू होगा। जयपुर, जोधपुर सहित 11 जिलों में 50 निकायों में शुक्रवार को पार्षद पद के लिए मतदान होगा। जयपुर की 10 नगर पालिकाओं में चुनाव होगा। इसके बाद 20 दिसंबर को निकाय अध्यक्ष चुने जाएंगे।

चौमू, सांभर, चाकसू, कोटपूतली, फुलेरा, शाहपुरा, विराटनगर, जोबनेर, बगरू व किशनगढ़-रेनवाल में मतदान होना है। गांवों में सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस का पूरा जोर अब इन निकायों में बोर्ड बनाने पर होगा, जबकि भाजपा गांवों की तरह यहां भी अपना दबदबा कायम रखना चाहेगी। बता दें कि प्रदेश में कुल 196 शहरी निकाय हैं। इनमें से 49 निकायों में 2019 में चुनाव हुए। जबकि दूसरे चरण में जयपुर, जोधपुर और कोटा के 6 नगर निगमों में चुनाव संपन्न हुए। अब तीसरा चरण चल रहा है।

प्रदेश की 20 जिला परिषदों के जारी परिणामों में से 14 जिला में महिलाओं का कब्जा हो गया है। 25 वर्षीय उदयपुर की ममता कुंवर सबसे कम उम्र की हैं, जबकि नागौर से जिला प्रमुख बने 73 वर्षीय भागीरथ राम सबसे उम्रदराज हैं। महिलाओं में 55 साल की बांसवाड़ा की रेशम मालवीय सबसे ज्यादा उम्र की हैं। 14 महिला जिला प्रमुखों में से आठ की उम्र 25 से 46 के बीच है। बाकी 47 से 55 के बीच हैं। निर्दलीय जिला प्रमुख वाली तीनों महिलाएं (अजमेर, बूंदी, डूंगरपुर) हैं।

अजब उलटफेर; डोटासरा के लक्ष्मणगढ़ में भाजपा के 1 सदस्य को 3 संतानों का पिता बता अयोग्य किया

प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा के गृह क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में भाजपा के 13, कांग्रेस के 12 (1 निर्दलीय) सदस्य थे। पंचायती राज विभाग ने भाजपा के एक सदस्य को 3 संतानों का पिता बताते हुए अयोग्य बताया। दोनों के 12-12 सदस्य हो गए। पर्ची में कांग्रेस प्रत्याशी जीत गया। भाजपा के अयोग्य सदस्य ने कोर्ट में अपील की तो कोर्ट ने बंद लिफाफे में मतदान का आदेश दिया है।

पायलट का पैंतरा : अजमेर में निर्दलीय प्रत्याशी को जिला प्रमुख व टोंक में कांग्रेस का प्रधान बनवाया : सचिन पायलट ने अजमेर में भाजपा में सेंधमारी कराकर निर्दलीय प्रत्याशी सुशील कंवर को जिला प्रमुख बनवा दिया। वहीं, टोंक पंचायत समिति में कांग्रेस को बहुमत नहीं था, पर निर्दलीयों की मदद से कांगेस का प्रधान बनवाया। पायलट गुट के दीपेंद्र शेखावत, राकेश पारिक, राम निवास, हरीश, मुकेश भाकर सहित कई विधायक अपने क्षेत्रों में कांग्रेस का प्रधान बनवाने में सफल रहे।

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