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सलमान खुर्शीद की किताब पर बवाल : क्या प्रियंका गांधी के नरम हिंदुत्व को लगेगा झटका, यूपी चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचने का डर

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सलमान खुर्शीद की किताब पर बवाल : क्या प्रियंका गांधी के नरम हिंदुत्व को लगेगा झटका, यूपी चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचने का डर
@HelloPratapgarh - National -

अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी नरम हिंदुत्व की राह पर चल रही हैं लेकिन दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता उनकी इस राह में मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की अयोध्या पर जो नई किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ आई है उसमें कथित तौर पर उन्होंने हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम से की है। सलमान खुर्शीद की इस तुलना को लेकर बवाल मच गया है और भाजपा ने कांग्रेस और खुर्शीद पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है। 


भाजपा का कांग्रेस पर हल्ला बोल
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा हिंदुओं से नफरत करने की है। खुर्शीद ने जो किया वह कांग्रेस की विचारधारा है। भाटिया ने कहा हिंदुत्व की तुलना आंतकवाद से करना ठीक नहीं। वहीं भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा 'कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में लिखा है कि हिंदुत्व आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी समूहों के समान है। उन्होंने कहा कि हम उस व्यक्ति से और क्या उम्मीद कर सकते हैं जिसकी पार्टी ने सिर्फ इस्लामिक जिहाद के साथ समानता लाने के लिए और मुस्लिम वोट पाने के लिए भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा'।
दूसरी तरफ किताब आने के 24 घंटे के अंदर ही उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज हो गई है। विवेक गर्ग नाम के वकील ने खुर्शीद पर हिंदुत्व को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से केस दर्ज करने की अपील की है।


सलमान खुर्शीद की यह किताब ऐसे समय में आई है जब सभी पार्टियां यूपी चुनाव की तैयारी में लगी है और खुद उनकी पार्टी कांग्रेस नरम हिंदुत्व की लाइन पकड़कर चुनाव में उतर रही है। ऐसे में कांग्रेस को यूपी चुनाव में नुकसान का डर सताने लगा है। कांग्रेस के कई नेता किताब प्रकाशित होने की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कुछ यह मानते हैं कि सलमान खुर्शीद, प्रियंका गांधी के प्रयासों पर पलीता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। 


 कांग्रेसी नेताओं ने उठाए सवाल
सलमान खुर्शीद की नई किताब को लेकर कांग्रेस के कई नेता असहज हैं। खासतौर पर वे नेता जो प्रियंका गांधी के साथ इस चुनाव में लगे हुए हैं। पार्टी के कुछ नेताओं को लगता है कि किताब में हिंदुत्व पर उठाए गए सवालों से पार्टी को यूपी चुनाव में नुकसान हो सकता है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रियंका गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी को कांग्रेस में फिर से जीवित करने की कोशिश में लगी हैं और पार्टी के कुछ नेता इस पर पानी फेरने का प्रयास कर रहे हैं। क्या इन नेताओं का पार्टी की रणनीति और योजनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। हैरानी की बात है कि सलमान खुर्शीद पर पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने की जिम्मेदारी है। क्या इस किताब का विमोचन यूपी चुनाव तक टाला नहीं जा सकता था? 

हालांकि पार्टी के एक ही एक दूसरे वरिष्ठ नेता कहते हैं कांग्रेस कभी धर्म की राजनीति में नहीं रही। हम धर्म के नाम पर न तो विवाद करते हैं और न ही लोगों में फूट डालते हैं। भाजपा इस तरह की राजनीति करती है, धर्म के नाम पर लोगों का ध्रुवीकरण करती है। हम राज्य में अपनी नरम हिंदुत्व नीति पर कायम रहेंगे। हमें हिंदू विरोधी दिखाने की भाजपा की रणनीति को हम सफल नहीं होने देंगे।'

भाजपा को मिल गया मुद्दा
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी बताती हैं ‘सलमान खुर्शीद ने भाजपा को एक मुद्दा थमा दिया है और पार्टी निश्चित रूप से इसे चुनाव तक जोर-शोर से उठाती रहेगी। जिससे वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है। इसी बहाने भाजपा आम आदमी के रोजमर्रा की जिंदगी में जो दिक्कतें हैं जैसे महंगाई और बेरोजगारी उन्हें ढंकने की कोशिश करेगी। 


क्यों पकड़ी नरम हिंदुत्व की राह 
उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुकाबला करने और मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से बचने के लिए प्रियंका गांधी अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए नरम हिंदुत्व के रास्ते पर हैं। इसी साल 10 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में हुए 'न्याय' रैली में प्रियंका ने अपने माथे पर तिलक और चंदन का लेप लगाया था और रुद्राक्ष की माला पहनी थी। भीड़ को संबोधित करते हुए वे लोगों को यह बताना नहीं भूलीं कि आज "आज नवरात्रि का चौथा दिन है और मेरा व्रत है।”  

प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत दो 'श्लोकों' से भी की, जो विशेष रूप से नवरात्रि उत्सव के दौरान देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बोले जाते हैं और उन्होंने लोगों से 'जय माता दी'  के जयकारे भी लगाए। सभा स्थल पर जाने से पहले कांग्रेस नेता प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर भी पहुंची और वहां मत्था टेका। नरम हिंदुत्व का संकेत देते हुए प्रियंका गांधी इससे पहले सहारनपुर और प्रयागराज में प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों का भी दौरा कर चुकी थीं। प्रियंका अक्तूबर महीने में ही लखनऊ में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्गी की मांग को लेकर जब गांधी प्रतिमा के पास मौन बैठीं तो इस दौरान उनके गले में रुद्राक्ष की माला साफ दिखाई दे रही थी।

पार्टी सूत्र बताते हैं कि दिनोंदिन कमजोर हो रही कांग्रेस ने अब पुनर्जीवन के लिए हिंदुत्व का सहारा लिया है, क्योंकि पार्टी अब मानकर चल रही है कि भाजपा का मुकालबा करने के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से चुनावी जीत हासिल नहीं की जा सकती। इसलिए प्रियंका गांधी की छवि को नए सांचे में ढाला जा रहा है और मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रही हैं।

राहुल पहले ही ‘तिलक और धोती’ से दे चुके हैं संकेत  
हालांकि प्रियंका गांधी से पहले 2017 के यूपी और गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल ने सबसे पहले पार्टी के नरम हिंदुत्व के दृष्टिकोण को जाहिर किया था जब उन्होंने धोती और कुर्ता पहना था और उनके माथे पर 'तिलक' लगा हुआ था। भाजपा के ठोस हिंदुत्व का मुकाबला करने के लिए राहुल गांधी ने मंदिर की यात्राओं का विकल्प चुना। 2017 से व्यवस्थित तरीके से राहुल गांधी के मठों, स्वामियों, बाबाओं और मंदिरों की यात्रा की योजना बनाई गई।

साथ ही पार्टी ने जमकर प्रचार भी किया। उन्होंने कई विवादों के बाद गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर की यात्रा के साथ अपने चुनाव अभियान और मंदिर की राजनीति की शुरुआत की। उसके बाद राहुल गांधी ने राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले गुजरात में अपने प्रचार अभियान के दौरान कई मंदिरों का दौरा किया। वे यूपी के अयोध्या भी पहुंचे। जानकार बताते हैं कि मंदिर जाने की रणनीति के कारण ही गुजरात में पार्टी की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ। हालांकि कांग्रेस गुजरात में भाजपा से हार गई, लेकिन यहां पार्टी को 77 सीटें मिलीं।

प्रियंका-राहुल के नरम हिंदुत्व को लेकर एक तरफ जहां राजनीतिक पर्यवेक्षक और विपक्ष इसे कांग्रेस की हताशा भरी कोशिश के रूप में देखते हैं, वहीं पार्टी का कहना है कि इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है क्योंकि वह सभी धर्मों के सद्भाव में दृढ़ विश्वास रखती है।

कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता थे मौजदू 
सलमान खुर्शीद की किताब के विमोचन के मौके पर दिग्विजय सिंह, चिदंबरम और सलमान खुर्शीद तीनों इस कार्यक्रम में थे। तीनों नेताओं ने हिंदुत्व पर धुआंधर व्यक्तव्य दिया। इस मौके पर चितंबरम ने सवाल उठाते हुए कहा जिस तरह जेसिका को किसी ने नहीं मारा उसी तरह बाबरी मस्जिद को किसी ने नहीं गिराया। उन्होंने कहा जो कुछ भी छह दिसंबर को हुआ वह ऐसी घटना थी जिसने हमरे संविधान को झकझोर दिया।

हालांकि इन सारे विवादों पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि जो हिंदू धर्म के बारे में नहीं जानता और इस्लाम को नहीं समझता वही सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने  स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म बहुत सुंदर है और कहा कि भाजपा या आरएसएस की ओर से किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से बड़ा अपमान कोई नहीं हो सकता।

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