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जिनके गांव में जाने पर पुलिस तक पर हो जाता है हमला, गिरोह को प्रतापगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार

Pratapgarh
जिनके गांव में जाने पर पुलिस तक पर हो जाता है हमला, गिरोह को प्रतापगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार
@HelloPratapgarh - Pratapgarh -

प्रतापगढ़ की कोतवाली थाना पुलिस ने पीएनबी बैंक में हुई चोरी के मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. आरोपियों ने बैंक में आए एक व्यक्ति के 2 लाख 14 हजार रुपए उड़ा लिए थे. थानाधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले शहर के हायर सेकेंडरी रोड से पीएनबी बैंक से 2 महिलाओं ने बैंक में रुपए लेने आए व्यक्ति के बैग से से दो लाख 14 हजार रुपए पारकर फरार हो गई थी. चोरी की यह घटना सीसीटीवी मैं कैद हो गई थी. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपी महिलाओं की तलाश शुरू की. इसके साथ ही पुलिस ने अभय कमांड के कैमरो से भी आरोपी महिलाओं की तलाश की इस दौरान पुलिस ने एक कार भी डिटेन की जिसमें महिलाएं बैठती नजर आई. इसके बाद पुलिस ने कार के नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की. पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कड़िया सासी गांव के रहने वाले हैं. थानाधिकारी ने बताया कि कड़िया सासी गांव के साथ ही दो और गांव है जहां सांसी जाति का बाहुल्य है और इन गांवों के लोग बैंको, शादियों और धार्मिक स्थलों पर इस प्रकार की वारदात को अंजाम देते हैं. पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार कोशिश करती रही. इसके साथ ही पुलिस आरोपियों को आधार कार्ड से जारी सीम और फास्ट्रेक के आधार पर ट्रेस करने का प्रयास करती रही, आखिर में पुलिस को आरोपियों के आगरा में होने की लोकेशन मिली. इस पर पुलिस ने आगरा में दबिश देकर चार आरोपियों को वहां से गिरफ्तार कर लिया है.


पुलिस अब इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी से प्रयास में जुटी हुई है. प्रतापगढ़ एसपी अमृता दुहन के कड़े प्रयासों और शहर कोतवाल रविंद्र सिंह की मेहनत के बलबूते पर जिस गिरोह को गिरफ्तार करने में पुलिस के हाथ पांव काँप जाते थे ऐसे गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर अब सलाखों के पीछे डाल दिया है. एसपी दुहन ने बताया कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील में स्थित गांव कड़ियांसांसी, गुलखेड़ी एवं हुलखेड़ी में सिर्फ सांसी समाज के लोग रहते हैं जो अपने नाम के आगे सरनेम सिसोदिया लगाते हैं. यह एक संगठित गिरोह के रूप में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं. इस गिरोह के लोग बैंक से रुपए निकाल रहे व्यक्तियों के बैग में चीरा लगाकर, शादियों में शामिल होकर ज्वेलरी के बैग चुराने व बस- रेलवे स्टेशन से नकदी व आभूषण के बैग चुराने के आदी हैं. इन तीन गांव के लोग पूरे भारतवर्ष में इस तरह की वारदातें करते हैं. तीनों गांव में यह लोग संगठित होकर रहते हैं. गांव से पुलिस को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं करने देते. पुलिस के आने पर पूरा गांव संगठित हो जाता है. अगर पुलिस किसी अभियुक्त को ले जाने की कोशिश करती है तो सभी लोग मिलकर पुलिस पर हमला कर देते हैं. स्थानीय पुलिस व इनके बीच कई बार झड़पें व फायरिंग भी हो चुकी है. गांव में मुल्जिमों की तलाश में भारत के विभिन्न राज्यों से दो से पांच पुलिस पार्टियां हर रोज आती है.
इस गिरोह के लोग छोटे बच्चों व महिलाओं के साथ घूम कर पूरे भारत में शादियों से आभूषण व बैंकों में आने वाले की रेकी कर निरंतर चोरी करते हैं. स्थानीय लोग इनके बारे में कोई भी सूचना देने से कतराते हैं. जिस किसी वारदात का सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चलता है तो यह लोग चुराया हुआ माल वापस मुलजिम छोड़ने या मुलजिम गिरफ्तार नहीं करने की शर्त पर दे देते हैं. इस कारण इनके खिलाफ वास्तविकता से कम प्रकरण दर्ज हैं. 

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