नगर परिषद की अंधेर नगरी : बिजली का बिल नहीं जमा करने से अंधेरे में हुआ शहर, बिजली निगम ने काटे स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन

अंधेर नगरी चौपट राजा यह कहावत तो आप सबने सुनी ही होगी लेकिन प्रतापगढ़ शहर में इन दिनों अंधेरा पसरा हुआ है. प्रतापगढ़ नगर परिषद की लापरवाहीयो का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है. भ्रष्टाचार के बोल बाले और आयुक्त की अदला-बदली वाली नगर परिषद बनी प्रतापगढ़ में बिजली का बिल बकाया होने के कारण शहर की स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन बिजली निगम द्वारा काट दिया गया. अब बिजली का कनेक्शन कटने बस नगर परिषद की ओर से कोई भी जवाबदार अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है. खुद को आयुक्त बता लोगों को नोटिस जारी करने वाले आयुक्त ने भी अब अपने आयुक्त होने से मना कर दिया है. वही नगर परिषद सभापति तो पिछले कई दिनों से नगर परिषद के कर्मचारी और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. स्टेट लाइट के बिलों में से 32 लाख रुपए का भुगतान शहर की जनता ने किया है और बाकी बकाया बिल का भुगतान जो कि नगर परिषद को करना था वह अभी तक जमा नहीं हो पाया है. ऐसे में बिजली निगम ने अजमेर विद्युत निगम के एमडी एनएस निर्माण के निर्देश पर प्रतापगढ़ नगर परिषद की स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काट दिया है. बिजली निगम की इस कार्रवाई के चलते बीती रात से पूरा शहर अंधेरे में है. प्रतापगढ़ नगर परिषद का कुल एक करोड़ 78 लाख का बिल बकाया था जिसमें से 32 लाख रुपए शहर के उपभोक्ताओं द्वारा जमा कराया गया था और 21 लाख रुपए का बिजली निगम द्वारा एडजस्टमेंट किया गया था. अब नगर परिषद को केवल 1 करोड़ 25 लाख रुपए का बिल जमा करवाना था. लेकिन नगर परिषद इन दिनों बिना आयुक्त की गाड़ी में बैठा हुआ है जहां कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की खबर और शहर की अव्यवस्थाओं का आलम हर रोज देखने को मिल रहा है. ऐसे में नगर परिषद की इन करतूतों का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है. नगर परिषद की बजट की अगर बात की जाए तो नगर परिषद के पास इस वक्त झूठी दलीलों के कुछ भी नहीं है. बजट की कमी के चलते ही पिछले दिनों होने वाला शिवरात्रि का मेला भी नगर परिषद को स्तगीत करना पड़ा था. नगर परिषद अब यदि समय पर बिजली निगम के बिलों का भुगतान नहीं करता है तो आने वाले कुछ दिनों में शहर के बचे कुचे इलाकों का भी स्टेट लाइट का कनेक्शन निगम द्वारा काट दिया जाएगा. बिजली निगम द्वारा बकाया बिलों के भुगतान करने के लिए कई बार नगर परिषद को नोटिस भी दे चुकी है. नगर परिषद का बकाया बिल का भुगतान उसे 31 मार्च से पहले ही करना था लेकिन अब तक भुगतान नहीं होने के कारण निगम को कड़े कदम उठाने पड़े.