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गांवों में भी खिल रही है उन्नत खेती की हरियाली, संरक्षित खेती से किसान बन रहे आत्मनिर्भर

Pratapgarh
गांवों में भी खिल रही है उन्नत खेती की हरियाली, संरक्षित खेती से किसान बन रहे आत्मनिर्भर
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कलेक्टर एवं जिला उद्यान विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. अंजलि राजोरिया ने मंगलवार को उद्यान विभाग की योजनाओं के अंतर्गत संचालित गतिविधियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उप निदेशक रामकिशन वर्मा साथ रहे। उन्होंने प्रतापगढ़ पंचायत समिति के खेरोट ग्राम में कृषक गोपाल पुत्र अंबालाल पाटीदार के खेत पर निर्मित पॉलीहाउस का अवलोकन किया। कृषक गोपाल ने बताया कि चार माह में खीरे की फसल से उन्हें 20 से 25 टन उत्पादन व लगभग 4 से 5 लाख रुपये की आय प्राप्त होती है। पॉलीहाउस की जलवायु नियंत्रण तकनीक और कीट प्रबंधन से फसल की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।

शंभूलाल पाटीदार की शिमला मिर्च ने दिलाए 10 लाख तक के लाभ... आरकेवीवाई योजना के तहत डॉ. राजोरिया ने कृषक शंभूलाल पुत्र प्रभुलाल पाटीदार के पॉलीहाउस का भी निरीक्षण किया, जहां रंगीन शिमला मिर्च (लाल ‘इब्राहिम’ व पीली ‘रहिना’ किस्म) की खेती की जा रही है। कृषक ने बताया कि फसल अवधि 8 से 10 माह की है और औसतन 10 से 12 टन उत्पादन से लगभग 10 लाख रुपये की आय संभावित है। उन्होंने पीएम-कुसुम योजना के तहत अपने कुएं पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सिंचाई में आत्मनिर्भरता हासिल की है।

शंभूलाल को विभागीय विदेश अध्ययन भ्रमण योजना के तहत अक्टूबर 2025 में डेनमार्क यात्रा का अवसर भी मिला, जहां उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकें सीखीं। कलेक्टर डॉ. राजोरिया ने कहा कि संरक्षित खेती और तकनीकी नवाचारों से किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, और विभागीय योजनाओं का लाभ अधिकतम किसानों तक पहुंचाना प्राथमिकता है।

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